शारदीय नवरात्रि का पर्व हर वर्ष मनाया जाता है। इस वर्ष इस त्योहार की शुरुआत 15 अक्टूबर 2023 से होने जा रही है।
हर साल यह पर्व आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि से प्रारंभ होता है, जिसकी मान्यता कई मायनों में अधिक होती है।
नवरात्रि के 9 दिन मां दुर्गा का अलग-अलग स्वरूप देखने को मिलता है, जिनकी पूजा लोग कई नियमों का पालन करके करते हैं।
इस नवरात्रि के दौरान सप्तमी तिथि भी आती है, इस दिन मां दुर्गा के सातवें स्वरूप कालरात्रि की पूजा की जाती है।
मां कालरात्रि को तंत्र-मंत्र की देवी भी कहा जाता है। इनकी मान्यता काफी ज्यादा होती है। इनकी पूजा कई मायनों में महत्वपूर्ण होती है।
मां कालरात्रि को तंत्र-मंत्र की देवी भी कहा जाता है। इनकी मान्यता काफी ज्यादा होती है। इनकी पूजा कई मायनों में महत्वपूर्ण होती है।
शास्त्रों के मुताबिक मां दुर्गा ने रक्तबीज का वध करने के लिए अपने तेज धार से कालरात्रि को उत्पन्न किया था।
सुबह उठकर स्नान करके पूरी तरह स्वच्छ हो जाएं। उसके बाद पूजा स्थल की सफाई करके मां के समक्ष पूजन का संकल्प लें।
मां कालरात्रि को अक्षत, धूप, गंध, पुष्प और गुड़ का नैवेद्य चढ़ाएं। मां को उनका प्रिय पुष्प रातरानी और गुड़ का भोग लगाएं। इसके बाद पूजा करके ब्राह्मण को दान दें।