20 अक्टूबर नवरात्रि का छठवां दिन पूरी तरीके से मां कात्यायनी को समर्पित होगा। आइए जानते हैं मां कात्यायनी के पूजा की विधि और शुभ मुहूर्त के बारे में।
शारदीय नवरात्रि में मां देवी का आगमन बेहद धूमधाम से होता है। भक्त हर दिन मां को प्रसन्न करने के लिए नए-नए जतन करते है।
मां कात्यायानी ऋषि कात्यायान की पुत्री थी। इसी के चलते इनका ये नाम पड़ा, माता की विधि पूर्वक पूजा करने से विवाह में आने वाली सभी प्रकार की अर्चनें दूर हो जाती है।
मां कात्यायनी की कृपा से विवाह में आ रही सभी बाधाएं दूर होती है। माता की पूजा से योग्य वर की प्राप्ति भी होती है। मां का यह स्वरूप यश और सफलता का भी प्रतीक होता है।
मां कात्यायनी को लाल रंग अति प्रिय होता है। ऐसे में माता को शुद्ध जल या गंगाज से स्नान करा के पीले रंग का वस्त्र चढ़ाएं। इसके बाद कुमकुम लगाकर मां कात्यायनी को लाल रंग क पुष्प अर्पित करें।
आप भोग में मां को लाल और पीले रंग की मिठाई चढ़ा सकते है। साथ ही, मां को शहद भी अति प्रिय होता है। ऐसे में शहद चढ़ाना बिल्कुल भी न भूलें।
माता का पूजन आप ब्रह्म मुहूर्त या अभिजीत मुहूर्त में भी कर सकते है। 20 अक्टूबर को सुबह 4.44 से 5.34 तक रहेगा तो वहीं अभिजीत मुहूर्त सुबह 11.43 से 12.28 तक रहेगा।
मां कात्यायनी की विधि पूर्वक पूजा करने के बाद आरती करें। पूजा पूरी हो जाने के बाद क्षमा प्रार्थना करना न भूलें।