शीतला या शीत यानी ज्वर को ठंडा करने वाली अर्थात रोगों को दूर करने वाली देवी शीतला देवी हैं।
मालपुआ, हलवा और पूरी एक दिन पहले बनाकर मां शीतला को शीतला अष्टमी के दिन भोग चढ़ाएं।
अष्टमी के दिन घर में ताजा भोजन न पकाएं। एक दिन पहले ही आप पकवान तैयार करके रख लें। प्रसाद भी बना लें।
कुमकुम, लाल रंग के फूल और अक्षत शीतला माता को अर्पित करने से माता प्रसन्न होकर मनोकामना पूरी करती हैं।
शीतला मां को जल अर्पित कर थोड़ा सा जल बचा लीजिए। घर के कोनों में छिड़क दें, इससे कष्ट दूर होंगे।
अष्टमी के दिन गर्म भोजन वर्जित है। मान्यता है कि शीतला माता चेचक रोग से मुक्ति दिलाती हैं।
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