Shivratri 2023: शिवरात्रि पर ग्वालियर के इन मंदिरों पर करें पूजा अर्चना


By Anil Singh Tomar2023-02-14, 14:53 ISTnaidunia.com

अचलेश्वर महादेव मंदिर

ग्वालियर के ह्दय स्थल पर मौजूद यह शिव मंदिर न केवल प्राचीन है, बल्कि इन महादेव की महिला अपरंपार है। मंदिर कितना प्राचीन है इसका एतिहासिक उल्लेख नहीं है।

कोटेश्वर महादेव मंदिर

ग्वालियर किले पर शिवमंदिर में स्थापित शिवलिंग को 17वीं शताब्दी में औरंगजेब ने किले से नीचे फेंक दिया था। किले के नीचे उसी शिवलिंग को सिंधिया राजवंश ने संवत पुनर्स्थापित किया।

गुप्तेश्वर महादेव मंदिर

शहर से 5 किलोमीटर दूर गुप्तेश्वर पहाड़ी पर देखने को मिल रहा है। यहां चारों तरफ हरियाली का एक अद्भुत दृश्य है। गुप्तेश्वर पहाड़ी पर भगवान भोलेनाथ का एक प्राचीन मंदिर है।

मारकंडेश्वर शिव मंदिर

चौरासी महादेवों की श्रृखंला में 36वें क्रम पर मार्कंडेश्वर महादेव मंदिर का नाम आता है। शहर में फूलबाग स्थित शिवाजी टॉवर के पास मार्कंडेश्वर महादेव का 350 साल पुराना मंदिर है।

धूमेश्वर महादेव मंदिर

भितरवार क्षेत्र का प्राचीन धूमेश्वर महादेव मंदिर में स्थापित शिवलिंग नदी से निकली है, जिसकी गहराई आज तक कोई नहीं नाप पाया है। बताते है कि इस मंदिर का निर्माण एक ही रात में हुआ था।

कोल्हुआ महादेव मंदिर

मुरैना के कोल्हुआ गांव में स्थित 500 साल पुराना शिव मंदिर अंचल के लोगों की आस्था का प्रतीक है। मान्यता है कि यहां सोमवार को भगवान भोले का पंचामृत से अभिषेक करने से मस्से-तिल से मुक्ति मिलती है।

बटेश्वरा महादेव मंदिर

ग्वाल‍ियर चंबल अंचल स्थित मुरैना में बटेश्वरा के 200 मंदिरों के समूह से भी कई सदी पुराना शिव धाम भी बसा है। 9वीं सदी की इस प्राचीन मंदिर श्रंखला में दुर्गम रास्ते, घने जंगल व पहाड़ों के बीच है।

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