होली के त्योहार का लेकर हिंदू धर्म में कई सारी मान्यताएं प्रचलित है। आइए जानते है नवविवाहित लड़कियों को पहली होली ससुराल में क्यों नहीं खेलनी चाहिए।
नवविवाहित लड़कियों को अपने ससुराल में पहली होली नहीं देखनी चाहिए। मान्यता अनुसार, नवविवाहित लड़कियों का ससुराल की होली देखना अशुभ माना जाता है।
अगर जलती हुई होली को सास और बहू साथ देख लें तो घर में दरार पैदा हो सकती है। सास और बहू का रिश्ता प्यार के बजाय तकरार में बदल सकता है।
नवविवाहित लड़की का पहली होली देखने से घर में कलह और व्यक्तिगत संबंध भी बिगड़ सकते हैं। दामाद को भी पहली होली अपनी पत्नी के साथ उसके मायके में ही मनाना चाहिए।
लड़की के मायके में होली मनाने से दंपति जीवन में प्यार बढ़ता है और जीवन सुखमय और संपूर्णता से भर जाता है। लड़के द्वारा लड़की के मामले में होली मनाने से दामाद का ससुराल से रिश्ता भी मजबूत होता है।
मायके में पहली होली खेलने से संतान स्वस्थ और सुंदर होती है। धार्मिक शास्त्रों के अनुसार, पहली बार जब नवविवाहिता गर्भवती होती है तो मायके में उसका खास ख्याल रखा जाता है।
विवाह के बाद दुल्हन ससुराल में असहज महसूस कर सकती है। ऐसे में आदिकाल से चली आ रही ये परंपरा देखने में भी काफी तार्किक लगती है।
शादी के तुरंत बाद नई दुल्हन के लिए पहली होली मायके में ही खेलना चाहिए। प्रेग्नेंट महिलाओं को भी ससुराल होली खेलना मना किया जाता है।
अगर आपको लड़कियों के ससुराल में पहली होली से जुड़ी ये स्टोरी आपको पसंद आई हैं तो ऐसी ही धर्म और अध्यात्म से जुड़ी खबरों के लिए पढ़ते रहें naidunia.com