ज्योतिष शास्त्र के हिसाब से धन, वैभव, सुख, विवाह आदि के कारक माने जाने वाले शुक्र का एक निश्चित अंतराल के बाद राशि परिवर्तन होता है।
बता दें कि दैत्य गुरु शुक्र नवंबर 30 को नीच राशि कन्या से निकलकर तुला में प्रवेश कर गए हैं। वह इस राशि में 25 दिसंबर तक रहेंगे।
शुक्र के स्वराशि में आने से विपरीत राजयोग का निर्माण हो रहा है। ज्योतिष के मुताबिक जब छठे, आठवें और बारहवें भाव के स्वामी जब अपनी राशि में जाते हैं तो यह योग बनता है।
इस राजयोग का बनना काफी शुभ माना जा रहा है। इससे कई राशियों की लाभ मिलने की संभावना है आइए उनके बारे में जानते हैं।
शुक्र तुला राशि में अष्टम भाव में विराजमान हो गए हैं जिसे गुप्त धन का भाव भी कहा जाता है। इसके साथ ही विपरीत राजयोग का निर्माण भी हो रहा है।
शुक्र तुला राशि में अष्टम भाव में विराजमान हो गए हैं जिसे गुप्त धन का भाव भी कहा जाता है। इसके साथ ही विपरीत राजयोग का निर्माण भी हो रहा है।
शुक्र का स्वराशि में गोचर आपके लिए लाभकारी साबित हो सकता है। विदेश से धन लाभ के योग बन रहे हैं और वाहन आदि खरीदने के योग्य भी बनेंगे।
मेष राशि के लोगों के लिए विपरीत राजयोग काफी शुभ होने वाला है। इस राशि में शुक्र सातवें भाव में गोचर कर रहे हैं। इस राजयोग को व्यापार से भी जोड़ा गया है।
आपके लिए व्यापार में लाभ लाने का काम शुक्र का होने वाला है। खासकर पार्टनरशिप में किया गया व्यापार आपके लिए लाभकारी साबित हो सकता है।