शुक्र को धन, विलासिता, प्रेम और सौंदर्य का अधिपति माना जाता है। अगर जन्म कुंडली में शुक्र शुभ स्थिति में हो तो व्यक्ति अपार धन का स्वामी बनता है।
शुक्र के नकारात्मक होने से व्यक्ति को अभावों भरा जीवन मिलता है। ऐसे लोगो को कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, शुक्र की महादशा 20 साल तक रहती है। जन्म कुंडली में शुक्र उच्च का हो तो अनेक लाभ होते हैं।
वृषभ, कर्क, सिंह, कन्या, धनु और मीन राशि के जातकों को शुक्र की महादशा के दौरान अधिकतम लाभ मिलता है।
शुक्र कुंडली में शुभ स्थिति में हो तो भाग्य अनुकूल होता है। वहीं, नीच का शुक्र जातक को महादशा के दौरान दरिद्रता, अभाव और संघर्ष देता है।
शुक्रवार के दिन मां लक्ष्मी की पूजा करें। कन्याओं को खीर खिलाएं।
शुक्र बीज मंत्र 'शुं शुक्राय नमः' का रोजाना कम से कम 108 बार जप करना चाहिए।
शुक्रवार के दिन किसी जरूरतमंद व्यक्ति या ब्राह्मण को दूध, दही, घी, कपूर का दान करें।
प्रत्येक शुक्रवार को चीटियों को आटा और शक्कर खिलाएं।