आज के दौर में हर एज ग्रुप के लिए फोन के बिना जीवन की कल्पना कर पाना मुश्किल हैं। आइए जानते हैं आखिर क्यों बच्चों में स्मार्टफोन बन रहा हैं डिप्रेशन का कारण?
बच्चों के लिए फोन एंटरटेनमेंट का साधन हो सकता हैं। लेकिन क्या आपको इससे होने वाले नुकसान के बारे में पता हैं।
लगातार फोन देखते रहने से बच्चे मानसिक और शारीरिक रूप से बीमार पड़ सकते हैं। इसके अलावा फोन का ज्यादा प्रयोग उनकी आउटडोर एक्टिविटी को भी कम कर देता हैं।
स्मार्टफोन के जरूरत से ज्यादा इस्तेमाल से बच्चों को डिप्रेशन भी होने लगता हैं। इस दौरान उनका स्वभाव चिड़चिड़ा और गुस्से वाला हो जाता हैं।
फोन आदत बन जाने पर कभी भी एक झटके में बच्चें को उससे दूर न करें। ऐसा करने पर आपका बच्चा और भी ज्यादा डिप्रेशन में जा सकता है।
मोबाइल फोन के इस्तेमाल से निकलने वाली ब्लू लाइट कम उम्र के बच्चों की स्लीप साइकिल में भी परेशानी पैदा करती हैं। कम नींद की वजह से भी डिप्रेशन और चिड़चिड़ापन बढ़ता हैं।
कम उम्र के बच्चे अगर 7 घंटे से ज्यादा फोन यूज करते हैं तो इसका उनके दिमाग पर काफी असर पड़ता हैं। ऐसे में बच्चों के दिमाग की ग्रोथ पर इसका बुरा असर पड़ता है।
बच्चों को फोन से दूर रखने के लिए खाली समय में बच्चों के साथ घूमने जाए और उन्हें आउटडोर एक्टिविटी में ज्यादा से ज्यादा शामिल करें।