धूम्रपान हमेशा ही शरीर के लिए नुकसानदायक होता है। लेकिन क्या आपको पता है कि स्मोकिंग से दिमाग खराब होने का खतरा भी रहता है? आइए जानते हैं।
फेफड़ों के लिए स्मोकिंग बेहद घातक होता है, इससे लंग कैंसर होने का खतरा रहता है। साथ ही, स्मोकिंग से दिमाग भी सिकुड़ने लगता है। उम्र के साथ दिमाग का वॉल्यूम कम होने लगता है।
स्मोकिंग करने से दिमाग और जल्दी सिकुड़ने लगता है। इसी वजह से दिमाग का साइज भी छोटा जाता है। ताजा स्टडी के मुताबिक, स्मोकिंग के चलते दिमाग भी डैमेज होने लगता है।
अगर आप समय रहते स्मोकिंग छोड़ देते है तो आप इससे होने वाले नुकसान को रोक सकते है। लेकिन डैमेज हो चुके हिस्से को ठीक नहीं किया जा सकता है।
स्टडी डाटा में 32 हजार से अधिक लोगों पर विश्लेषण किया गया था। इसमें यह पाया गया कि जेनेटिक्स, स्मोकिंग हिस्ट्री और ब्रेन वॉल्यूम तीनों का आपस में संबंध है। सिगरेट पीने वाले लोगों के दिमाग का वॉल्यूम कम होने लगता है।
स्मोकिंग और बढ़ती उम्र के चलते दोनों ही डिमेंशिया के रिस्क फैक्टर्स होते है। इसकी वजह से दिमाग का वॉल्यूम कम होने की प्रक्रिया अधिक तेज हो जाती है। स्मोकिंग छोड़ने से डिमेंशिया का खतरा कम होता है।
एक्सरसाइज करने से डिमेंशिया का खतरा कम करने में मदद मिलती है। रोज एक्सरसाइज न करने से और लंबे समय तक बैठे रहने से भी डिमेंशिया का खतरा रहता है।
दिमाग को एक्टिव रखने के लिए ब्रेन टीजर, सुडोकू, चेस आदि गेम्स खेलते रहें। प्लांट बेस्ड फूड आइटम्स खाने से भी दिमाग स्वस्थ रहता है।