सोमवती अमावस्या का व्रत भोले बाबा की पूजा में समर्पित होता है। जिस माह में अमावस्या तिथि सोमवार के दिन पड़ती है। उसे सोमवती अमावस्या कहा जाता है।
इस दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा की जाती है। इसके साथ ही इस तिथि पर पितरों की पूजा करना बेहद शुभ माना जाता है।
पंचांग के अनुसार पौष माह के कृष्ण पक्ष पर अमावस्या तिथि की शुरुआत होगी। भक्त 30 दिसंबर को सोमवती अमावस्या व्रत मनाएंगे।
सोमवती अमावस्या का शुभ मुहूर्त सुबह 04 बजकर 01 मिनट से शुरू होकर, 31 दिसंबर को सुबह 03 बजकर 56 मिनट पर खत्म होगा।
सोमवती अमावस्या के दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा कर आशीर्वाद पा सकती हैं। आप मंदिर में पीपल के पेड़ की 108 बार परिक्रमा करें। इससे वैवाहिक जीवन सुखद रहता है।
सोमवती अमावस्या का व्रत महिलाएं अपने पति की लंबी आयु और परिवार में सुख, समृद्धि के लिए करती हैं। महिलाएं इस दिन पूरे विधि-विधान से पूजा करती है।
सोमवती अमावस्या पर मान्यता है कि पितरों की पूजा करने और पिंडदान करने से पितृ दोष से छुटकारा मिलती है और पितरों का आशीर्वाद भी प्राप्त होता है।
सोमवती अमावस्या पर सुहागिन महिलाएं व्रत रखती है। इस दिन विशेष व्रत रखकर वो अपने पति की लंबी आयु की कामना करती हैं।
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