महिलाओं के लिए गर्भावस्था का पल यादगार होता है। ऐसा कहा जाता है कि इसके बाद महिला की नई जिंदगी मां के रूप में शुरू होती है।
प्रेग्नेंसी पीरियड की जर्नी इतनी आसान नहीं होती है। इस दौरान महिलाओं को हेल्थ का काफी अच्छे से ध्यान रखना पड़ता है।
आमतौर पर स्ट्रेस किसी के लिए भी अच्छा नहीं होता है। विशेषकर प्रेग्नेंट महिला के लिए यह काफी ज्यादा खतरनाक हो सकता है।
प्रेग्नेंट महिला को तनाव की वजह से कई सारी दिक्कतें हो सकती हैं। इसका प्रभाव होने वाले बच्चे पर भी पड़ सकता है।
तनाव की वजह से बच्चे का समय से पहले जन्म हो सकता है। प्रीमैच्योर डिलीवरी की वजह से नवजात शिशु को कुछ गंभीर हेल्थ परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।
स्ट्रेस का प्रभाव बच्चे के वजन पर भी पड़ सकता है। गर्भावस्था के दौरान तनाव में रहना बच्चे के कम वजन का एक प्रमुख कारण माना जाता है।
गर्भावस्था के दौरान मेंटल स्ट्रेस का असर शिशु के ब्रेन पर भी पड़ सकता है। इस वजह से प्रेग्नेंसी के दौरान का तनाव मां के अलावा बच्चे के लिए खतरनाक हो सकता है।
गर्भवती महिलाएं को स्वास्थ्य और तनाव से बचने के लिए रोजाना व्यायाम, ध्यान और योग करना चाहिए। इससे स्ट्रेस के लेवल को कम किया जा सकता है।