आंकड़ों के मुताबिक महिलाओं की तुलना में पुरुषों की आयु कम रहती है। इसका एक कारण है वह शुरुआत में चिकित्सकीय मदद सही समय पर नहीं लेते।
पुरुष सामान्यतः शरीर द्वारा दिए बीमारियों के संकेतों को नजरअंदाज कर देते हैं, जो उन्हें नहीं करना चाहिए।
छाती में दर्द को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। खासकर अगर दर्द के साथ अन्य लक्षण भी हों, जैसे सांस लेने में तकलीफ या पसीना आना।
यदि आप कम समय में अपनी व्यायाम दिनचर्या या आहार में कोई बदलाव किए बिना लगभग पांच पाउंड वजन कम या बढ़ा लेते हैं, तो थाइराइड संबंधी बीमारी हो सकती है।
त्यागने वाले मल-मूत्र के रंग या रूप में असामान्य परिवर्तन हो तो इसे शरीर में पनप रही बीमारी का संकेत मानना चाहिए। चिकित्सकीय सलाह जरूर लेनी चाहिए।
यदि आप इसे अपनी बाहों, हाथों या पैरों में महसूस करते हैं, तो यह गठिया, पिंच नर्व, कार्पल टनल सिंड्रोम और मधुमेह जैसी बीमारियों के संकेत हो सकते हैं।
यदि बिना ज्यादा शारीरिक परिश्रम के पैरों में ऐंठन-क्रैम्प आते हैं, तो नसों में ब्लाकेज होने की आशंका हो सकती है।
अंडकोष में सूजन और/या भारीपन लगना आघात या संक्रमण या कैंसर जैसी बीमारी का संकेत भी माना जा सकता है।
यदि जरूरत से ज्यादा मुंह सूखने लगे तो यह पानी की कमी या अन्य मौखिक समस्याओं की आशंका हो सकती है। मधुमेह, उच्च रक्तचाप, अल्जाइमर रोग और पार्किंसंस रोग के भी संकेत हैं।
गुस्से का फूटना और अत्यधिक चिड़चिड़ापन पुरुषों में अवसाद का संकेत हो सकता है। यह सीधे मानसिक समस्या से जुड़ा हो सकता है।
ईडी जीवन शैली और तनाव के अलावा हृदय रोग, उच्च रक्तचाप, हार्मोन असंतुलन और मधुमेह का भी संकेत हो सकता है। मानसिक स्वास्थ्य समस्या भी हो सकती है।
जब झुनझुनी के साथ कमजोर पकड़ थोरैसिक आउटलेट सिंड्रोम का संकेत हो सकता है।