कई बार हम देखते हैं कि किसी की मृत्यु होने पर लोग उस परिवार के लोगों से मृतक के कपड़े नहीं पहनने की बात करते हैं। यहां जानें आखिर क्या है इसका धार्मिक कारण-
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार जब कोई आत्मा शरीर को त्याग देती है, तब परिवार के लोगों को उस शरीर से जुड़े वस्त्रों और अन्य चीजों को दान कर देना चाहिए।
जग्गी वासुदेव के मुताबिक आत्मा कपड़ों की गंध और अन्य चीजों से ही अपने परिवार और घर को पहचानती है। आत्मा परिवार को मोह नहीं त्याग पाती है।
यदि इन चीजों का दान नहीं किया जाता है तो आत्मा देहांत के बाद भी अपने परिवार से मोह का त्याग नहीं कर पाती और वहीं आसपास भटकती रहती है।
ऐसी स्थिति में आत्मा की जन्म-मृत्यु के चक्र से मुक्त नहीं हो पाती है। मृत्यु के बाद आत्मा ऊर्जा में परिवर्तित हो जाती है, वह ऊर्जा सकारात्मक या नकारात्मक हो सकती है।
जग्गी वासुदेव कहते हैं मृत व्यक्तियों के कपड़ों के अलावा कभी भी उनकी पसंदीदा वस्तुओं पेन, मोबाइल या दूसरी महंगी चीजों का भी इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।
वैज्ञानिक भी मृत व्यक्ति के कपड़े या अन्य चीजें इस्तेमाल करने से मना करते हैं। वैज्ञानिकों के मुताबिक मृत व्यक्ति के कपड़े पहनने से संक्रमण भी हो सकता है।
मनोवैज्ञानिक कहते हैं कि जब कोई व्यक्ति शरीर छोड़कर चला जाता है तो उससे जुड़ी चीजें देखकर घरवाले भावुक रहते हैं। इंसान मानसिक रूप से कमजोर होने लगता है।