कश्मीर में प्रचलित चाय के इस प्रकार को कश्मीरी चाय भी कहा जाता है। स्थानीय बोली में इसे नून चाय बोलते हैं। कश्मीरी में नून का अर्थ नमक होता है यानी यह चाय स्वाद में नमकीन होती है।
नून चाय का रंग गुलाबी होता है, जिसकी वजह से पिंक टी भी कहते हैं। इसे कश्मीर घाटी में पैदा होने वाली विशेष पत्तियों 'फूल' से बनाया जाता है। यह चाय राजस्थान और नेपाल में भी कई जगह मिलती है।
बटर टी यानी मक्खन चाय भारत के अलावा नेपाल और भूटान के हिमालयी लोगों द्वारा खूब पसंद की जाती है। इस चाय को याक के दूध से बने मक्खन, चाय की पत्तियों और नमक से बनाया जाता है।
जड़ी बूटियों, मसालों, दालचीनी और लौंग को मिलाकर बनने वाली चाय को मसाला चाय के नाम से जाना जाता है। इसे बनाने के लिए असम के ममरी चाय के पौधों का इस्तेमाल होता है।
तंदूरी चाय पुणे में मिलने वाली चाय का एक अनोखा और काफी लोकप्रिय प्रकार है। यह चाय पुणे स्थित ‘चाय ला’ में मिलती है। इसे तंदूर में बेहद खास अंदाज में बनाया जाता है।
पुणे और हैदराबाद में बेहद लोकप्रिय ईरानी चाय ज्यादातर ईरानी होटल में मिलती है। इस चाय के साथ खाने के लिए मसका या पाव भी दिया जाता है।
पानी, अदरक, इलायची और चाय की पत्तियों से बनी चाय को अमृत तुल्य चाय कहा जाता है। महाराष्ट्र में इसे खासतौर पर पीतल के बर्तन में बनाया जाता है। यह चाय भी विशेषतौर पर पुणे में मशहूर है।