रोमांचित कर देने वाला ग्वालियर दुर्ग, जिसके विदेशी भी मुरीद...
By Anand Dhakad2023-02-26, 17:11 ISTnaidunia.com
सहस्त्रबाहु मंदिर
यह किले का मुख्य भाग माना जाता है। इसका निर्माणकाल 11वीं शताब्दी का माना जाता है। शिलालेखों के अनुसार कच्छपघात राजवंश के राजा महिपाल ने 1093 में इसका निर्माण कराया था।
मानसिंह पैलेस
300 फीट ऊंचे मानसिंह पैलेस बाहरी और अंदरी हिस्से में नीली, पीली, सफेद और हरी टाइल्स से कलाकृतियां बनाई गई हैं। इसका निर्माण 15वीं शताब्दी में राजा मानसिंह तोमर ने कराया था।
जौहर कुंड
जौहर कुंड वो जगह है, जहां इल्तुतमिश के आक्रमण के समय राजपूतों की पत्नियों ने अग्नि में कूदकर अपनी जान दे दी थी। 1232 में ग्वालियर के राजा हार गए थे उनकी रानियों ने जौहर कुंड में अपने प्राण दिए थे।
हाथी पोल गेट
हाथी पोल गेट किले के दक्षिण-पूर्व में है। इसे राव रतन सिंह ने बनवाया था। गेट मुख्य मंदिर महल की ओर जाता है। इसका नाम हाथी पोल गेट, इसलिए रखा गया है, यहां दो हाथी बिगुल बजाते हुए एक मेहराब बनाते थे।
कर्ण महल
तोमर वंश के दूसरे राजा कीर्ति सिंह ने कर्ण महल का निर्माण कराया था। राजा कीर्ति सिंह को कर्ण सिंह के नाम से भी जाना जाता था।
दाता बंदी छोड़ गुरुद्वारा
गुरुद्वारा दाता बांदी छोड़ का निर्माण उस जगह पर किया गया, जहां सिखों के गुरु हरगोबिंद साहिब को गिरफ्तार किया गया था।