रत्न शास्त्र में रत्नों को धारण करने का महत्व बताया गया है। मूंगा रत्न को पहनने से व्यक्ति को कई तरह के रोगों और परेशानियों से मुक्ति मिलती है।
मूंगा रत्न पहनने से फायदा जरूर मिलता है, लेकिन आपका रत्न नकली है तो इसका कोई भी लाभ आपको धारण करने से नहीं मिलेगा।
सवाल खड़ा होता है कि असली और नकली मूंगा के बीच के अंतर को कैसे समझा जाएं। साथ ही, उसकी पहचान करने के आसान उपाय क्या है।
मूंगा की पहचान करने के लिए रत्न के ऊपर पानी की बूंद डाल दें। अगर असली मूंगा होगा तो पानी की बूंद नहीं हिलेगी। हालांकि, नकली रत्न पर पानी की बूंद नहीं ठहरती है।
असली मूंगा की सबसे बड़ी पहचान होती है कि इसे शीशे पर घिसने से आवाज नहीं निकलती है। यदि आपके रत्न से आवाज आ रही है तो समझ लें यह नकली है।
असली मूंगे की पहचान के लिए इसे दूध में रखें। ऐसा करने पर यदि उसमें लाल रंग का प्रकाश दिखता हो तो समझ लें आपका रत्न असली है।
मूंगा रत्न को धारण करने से अनेक फायदे इंसान को मिलते हैं। त्वचा से जुड़े रोगों को दूर करने का काम भी यह रत्न करता है।
जिन लोगों के अंदर आत्मविश्वास की कमी होती है, उन्हें मूंगा धारण करना चाहिए। इस रत्न को पहनने से आत्मविश्वास में बढ़ोतरी होती है।