काल भैरव भगवान शिव का रूद्र रूप है। काल भैरव जयंती के दिन विधिवत पूजा करने से भोले बाबा प्रसन्न होकर मनचाहा वरदान देते है।
काल भैरव भगवान शिव का रूद्र रूप है। काल भैरव जयंती के दिन विधिवत पूजा करने से भोले बाबा प्रसन्न होकर मनचाहा वरदान देते है।
दुरवासा अवतार में शिव जी ने ऋषि अत्रि और उनकी पत्नी अनसूया के यहां जन्म लिया था। यह अपने क्रोधी स्वभाव के लिए जाने जाते है।
भोले नाथ ने अपने इस अवतार में विश्वनार नामक ऋषि के यहां जन्म लिया था। ऐसा इसलिए हुआ था क्योंकि ऋषि की पत्नी चाहती थी कि शिव जी उनके यहां अवतार ले लेंय़
हनुमान जी को भी शिव जी का अवतार माना जाता है। भगवान हनुमान शिव जी के ग्यारहवें अवतार हैं जिनका जन्म माता अंजनी और केसरी से हुआ था।
शर्भा अवतार शिव जी का नरसिम्हा द्वारा राक्षस हिरण्यकशिपु को मारने के बाद उन्हें शांत करने के लिए प्रकट हुआ था। भगवान इस रूप में प्राणी बनकर प्रकट हुए थे।
यतिनाथ अवतार एक आदिवासी जोड़े की परीक्षा लेने के लिए प्रकट हुआ था। शिव जी के इस अवतार की पूजा करने से भी लोगों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है।