चपाती यानी रोटी खाएं बगैर किसी का पेट कैसे भर सकता है। भारत में कई तरह की रोटियां बनाई जाती हैं, जो काफी मशहूर भी है।
आमतौर पर उत्तर भारत के राज्यों में चपाती बनती है। इसे बनाने के लिए आटे को पानी के साथ मिलाकर तैयार किया जाता है। बाद में इसे बेलकर तवे पर सेंकना होता है।
फुल्का रोटी को आमतौर पर फुल्की रोटी भी कहा जाता है। इसे बनाने का तरीका चपाती से थोड़ा अलग रहता है। फुल्का रोटी को बेलने के बाद तवे की जगह सीधा आग में डाल दिया जाता है।
यह रोटी काफी पतली होती है। इस रोटी के लिए मैदा का आटा तैयार किया जाता है। इतना ही नहीं, रुमाली रोटी को पकाने के लिए खास तरह के तवे का भी प्रयोग किया जाता है।
इस रोटी को बाजरे के आटे से बनाया जाता है। आमतौर पर बाजरे की रोटी गुजरात, राजस्थान, पंजाब और हरियाणा जैसे राज्यों में ज्यादा खाई जाती है।
ज्वार की रोटी को जोलाडा की रोटी के नाम से भी जाना जाता है। इस तरह की रोटी को महाराष्ट्र, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश और कर्नाटक जैसे राज्यों में खाया जाता है।
नान की रोटी भी भारत में काफी पॉपुलर है। मैदे से बनी इस रोटी को भारत के ज्यादातर राज्यों में खाया जाता है। नान को तंदूर में पकाया जाता है।
चावल के आटे से यह रोटी बनती है। चावल की रोटी दक्षिण भारत के ज्यादातर हिस्सों में पॉपुलर है। सेहत के लिहाज से भी इस रोटी को फायदेमंद माना जाता है।