हिंदू धर्म में पूजा पाठ के दौरान कुश का उपयोग किया जाता है। इसके प्रयोग से पूजा पूरी मानी जाती है। साथ ही, इसका इस्तेमाल शुभ कामों में किया जाता है। इस घास को लाल कपड़े में लपेटकर रखने से घर में बरकत बनी रहती है। आइए जानते हैं कि पूजा में कुश का क्या उपयोग होता है-
मानसिक और शारीरिक पवित्रता के लिए कुश का उपयोग पूजा में बहुत ही जरूरी होता है। कुश का प्रयोग ग्रहण के दौरान भी उपयोग में लाया जाता है। इससे घर में सुख-शांति भी आती है।
कोई भी पूजा का काम हो कुश घास का इस्तेमाल किया जाता है। ऐसा कहा जाता है कि कुश के बने आसन पर बैठकर मंत्र जाप करने से मंत्र सिद्ध हो जाते हैं। साथ ही, कुश घास दूषित वातावरण को पवित्र करने के उपयोग में भी आती है।
कुश को अनुष्ठान करते समय उसे अंगूठी की भांति तैयार करके हथेली की बीच वाली उंगली में पहनी जाती है। अंगूठी के अलावा, कुश से पवित्र जल का छिड़काव भी किया जाता है।
कुश की उत्पत्ति स्वयं भगवान श्री हरि के अंगों से हुई। कुश को अत्यंत पवित्र माना गया। यही कारण है कि किसी भी पूजा-पाठ, हवन-यज्ञ आदि कर्मों में कुश का प्रयोग किया जाता है।
ऐसा माना जाता हैं कि कुश घास की अंगूठी बनाकर अनामिका उंगली में पहनने से हमें सूर्य देव का आर्शीवाद मिलता है, जिससे हमें यश और तेज की प्राप्ति होती है।
अगर कुश घास को हाथ में धारण किया हुआ है, तो किसी की भी बुरी नजर नहीं लगती है। साथ ही, इससे घर में सकारात्मक ऊर्जा का आगमन होता है और नकारात्मक बाहर ही रह जाती है।
ये पूजा में कुश का उपयोग होता है। एस्ट्रो से जुड़ी ऐसी ही अन्य खबरों के लिए पढ़ते रहें NAIDUNIA.COM