सनातन धर्म में तुलसी के पौधे को काफी पूजनीय माना गया है और इस पौधे को देवी का दर्जा दिया गया है। इसलिए इसके रखरखाव में सावधानी रखनी चाहिए।
एकादशी के दिन तुलसी के पौधे को जल नहीं चढ़ाना चाहिए क्योंकि इस दिन मां तुलसी भगवान विष्णु के लिए निर्जला व्रत रखती है।
एकादशी के दिन यदि तुलसी माता को जल चढ़ाया जाता है तो यह अशुभ होता है और आर्थिक समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
एकादशी के दिन तुलसी की पत्तियां भी नहीं तोड़नी चाहिए। ऐसा करने से जातक को शारीरिक परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
तुलसी माता को जल हमेशा सूर्योदय से पहले करना चाहिए। इस समय जल अर्पित करने से व्यक्ति की हर मनोकामना पूर्ण हो जाती है।
वास्तु शास्त्र के अनुसार तुलसी माता को जल चढ़ाते समय सिले हुए कपड़े नहीं पहनना चाहिए। ऐसे वस्त्र पहनने से पूजा का पूर्ण फल नहीं मिलता है।
माता तुलसी को अधिक जल नहीं चढ़ाना चाहिए, क्योंकि अधिक मात्रा में जल चढ़ाने से तुलसी की जड़ सड़ जाती है, जिसके कारण वह जल्द सूख जाती है।