वास्तु शास्त्र में नाहने से संबंधित कुछ चीजें बताई गई हैं, जो आपके लिए काफी फायदेमंद हो सकता है। आइए इसके बारे में जानते हैं।
बताए गए वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर में बाथरूम की दिशा या तो उत्तर या उत्तर पश्चिम दिशा की और होना चाहिए। यह शुभ माना जाता है।
घर के बाथरूम को कभी भी दक्षिण-पूर्व, दक्षिण या दक्षिण-पश्चिम की दिशा में नहीं बनाना चाहिए। ऐसा घर के लिए अशुभ माना जाता है।
वास्तु की मुताबिक, यह बात कही गई है कि घर के इस दिशा में बाथरूम के होने से नकारात्मक ऊर्जा आती है और अशांति पैदा करती है।
यह बात भी वास्तु में कही गई है कि बाथरूम कभी भी किचन से सटा हुआ या उसके सामने नहीं हो। यह बिलकुल सही नहीं होता है।
बाथरूम में टॉयलेट सीट की दिशा या तो पश्चिम या उत्तर-पश्चिम होनी चाहिए। ऐसा घर के लिए बेहद ही शुभ माना जाता है।
बाथरूम में पानी की बाल्टी या टब को हमेशा भरकर रखें। यदि बाल्टी खाली हो तो उसे उल्टा करके रखें। यह घर में समृद्धि लाता है।
वास्तु में बाथरूम में नील रंग का काफी महत्व होता है। नीला रंग खुशी को दर्शाता हैं इसलिए बाथरूम में नील रंग की बाल्टी रखें।