Vastu Tips: घर के मंदिर में रखें इन जरूरी नियमों का ध्यान वरना होगा भारी नुकसान


By Prakhar Pandey25, Jul 2023 12:07 PMnaidunia.com

पूजा स्थल

घर में मौजूद पूजा स्थल को बेहद ही महत्वपूर्ण माना जाता है। इसलिए इस जगह हमेशा वास्तु के हिसाब से मेंटेन करके रखना जरूरी है।

वास्तु का मतलब

वास्तु का मतलब, घर में मौजूद मंदिर की दिशा, जब आप पूजा उस समय अपनी दिशा, मंदिर की ऊंचाई और मूर्तियों की संख्या से है।

ईशान कोण

बताए गए वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर का मंदिर हमेशा ईशान कोण में होना चाहिए। यह दिशा देवी-देवताओं के होने की वजह से पवित्र मानी जाती है।

ईश्वर सर्वोच्च हैं

वास्तु में ईश्वर सबसे ऊपर हैं, इसलिए वास्तु के हिसाब से मंदिर की ऊंचाई इतनी हो कि भगवान के पांव और हृदय का स्तर बराबर हो।

मुंह की दिशा

जब भी आप पूजा कर रहे हों, उस वक़्त आपका मुंह पूर्व दिशा की ओर होना चाहिए। इसके अलावा कभी भी मंदिर बाथरूम के पास नहीं होनी चाहिए।

घर में दरिद्रता

वास्तु के नियम के अनुसार, घर में मंदिर की दिशा कभी दक्षिण की ओर नहीं होनी चाहिए। इससे घर में दरिद्रता आने लगती है।

लकड़ी का मंदिर

वास्तु के नियम के मुताबिक, घर में मंदिर हमेशा लकड़ी का होना चाहिए। ऐसा माना जाता है, कि यह घर के लिए गुड लक होता है।

ऊंचे आसन

मंदिर को हमेशा किसी भी ऊंचे आसन पर रखना चाहिए। कभी भी घर के मंदिर में मृत व्यक्ति की तस्वीर को ना रखें यह अशुभ होता है।

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