वट सावित्री व्रत की पूजा विधि और महत्व जानिए


By Prakhar Pandey19, May 2023 11:49 AMnaidunia.com

वट सावित्री व्रत

वट सावित्री व्रत का हिंदू धर्म में काफी महत्व होता हैं। आइए जानते हैं वट सावित्री व्रत का महत्व और पूजा विधि।

व्रत

यह व्रत सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए रखती हैं। इस व्रत में औरतें बरगद के वृक्ष की पूजा करती हैं।

बरगद का पेड़

वट सावित्री व्रत के दिन बरगद के पेड़ की पूजा की जाती हैं। शास्त्रों के मुताबिक बरगद के पेड़ में ब्रह्मा विष्णु और महेश तीनों का वास होता हैं।

मनोकामना पूर्ति

19 मई को वट सावित्री का व्रत रखा जाएगा। इस दिन बरगद के पेड़ के नीचे बैठकर पूजा करने से और व्रत कथा सुनने से भक्त की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।

पूजा विधि

वट सावित्री के दिन शादीशुदा औरतें स्नान के पश्चात साफ वस्त्र धारण कर व्रत का संकल्प लें। 1 टोकरी में 7 प्रकार के अनाज रख लें और दूसरी टोकरी में मां सावित्री की प्रतिमा रखें।

वट वृक्ष

वट वृक्ष पर कुमकुम, अक्षत और रोली चढ़ाकर पूजा की शुरुआत करें। इसके बाद कलावे को ले और बरगद के पेड़ के 7 चक्कर लगाते हुए लपेटकर बांध दें।

परिक्रमा

परिक्रमा करते हुए इस बात का खास ध्यान रखें कि आप हर चक्कर के साथ आप एक चने का दाना उस वृक्ष पर चढ़ाते रहें।

सावित्री

राजर्षि अश्वपति की बेटी सावित्री ने सत्यवान से शादी की थी। सावित्री को बताया गया कि उनके पति की 1 साल में मृत्यु हो जाएगी। लेकिन सावित्री ने कठोर तपस्या से अपने पति को यमराज से बचा लिया।

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