दान देना काफी ज्यादा शुभ और फलदाई माना जाता है। दान देने से से सौभाग्य की प्राप्ति भी होती है। दान को धर्म में काफी उत्तम माना गया है।
आचार्य चाणक्य यह कहते हैं कि जो इंसान दान करता है, वह हमेशा से खुशहाल रहता है। साथ ही परिवार के लोग भी हंसी खुशी से जीवन बिताते हैं।
देने देने वाले लोगों को कभी दौलत की कमी नहीं होती है बल्कि उनकी दौलत में और वृद्धि भी होती है। मां लक्ष्मी ऐसे लोगों से प्रसन्न होते हैं।
हालांकि, दान भी हमेशा अपनी हैसियत के हिसाब से ही देना बेहतर बताया गया है। साथ ही दान देने से सभी दुख और शोक नाश हो जाते हैं।
यदि आप ज्यादा दान देने में सक्षम नहीं हैं तो दान सिर्फ इतना देना चाहिए कि जितने से आपके ऊपर असर न पड़े। साथ ही आपका भी जीवन सुखी हो।
आचार्य चाणक्य यह कहते हैं कि हैसियत के हिसाब से ज्यादा दान देने वाला आदमी कभी खुश नहीं रहता है और उसके पास पैसों की कमी रहती है।
इतिहास गवाह है कि बड़े बड़े धनवान भी दान देने की आदत की वजह से कंगाल हो गए हैं। ऐसे में दान देना चाहिए लेकिन अपनी हैसियत देख लेनी चाहिए।
इस लेख में दी गई सभी जानकारियां एक सामान्य मान्यताओं पर आधारित है जिसकी हम अपनी तरफ से कोई भी पुष्टि नहीं करते हैं।