चैत्र नवरात्र में करें मध्य प्रदेश के इन प्रमुख देवी मंदिरों के दर्शन


By Prashant Pandey2023-03-18, 15:17 ISTnaidunia.com

मध्य प्रदेश में हैं तीन शक्तिपीठ

चैत्र नवरात्र की शुरुआत 22 मार्च से होने जा रही है, जो 30 मार्च तक चलेंगे। इस दौरान मध्य प्रदेश तीन शक्तिपीठ उज्जैन की हरसिद्धि माता, मैहर की मां शारदा और अमरकंट में शोण शक्तिपीठ सहित कई प्रमुख देवी म

हरसिद्धि शक्तिपीठ उज्जैन

52 शक्तिपीठों में से एक उज्जैन के हरसिद्धि माता मंदिर में नवरात्र के दौरान दीपमालिकाएं प्रज्ज्वलित की जाती हैं। यहां माता सती के हाथ की कोहनी गिरी थी। हरसिद्धि माता उज्जैन के राजा विक्रमादित्य की कुल

मां शारदा मंदिर मैहर

विंध्य पर्वत शृंखला के त्रिकूट पर्वत पर मां शारदा देवी का मदिर है। यह देश के 52 शक्तिपीठों में से एक है, यहां माता सती का हार गिरा था, तभी से इसका नाम माई का हार से मैहर पड़ा।

शोण शक्तिपीठ अमरकंटक

नर्मदा नदी के उद्गम स्थल अमरकंट में शोण शक्तिपीठ है। यहां माता को नर्मदा के रूप में पूजा जाता है और भगवान भैरव की भद्रसेन के रूप में पूजा होती है। शोधदेश स्थान पर होने की वजह से इसे शोणाक्षी शक्तिपीठ

पीतांबरा पीठ दतिया

दतिया में मां पीतांबरा पीठ स्थित है, मां बगुलामुखी को ही मां पीतांबरा कहा जाता है जो राज सत्ता की अधिष्ठात्री देवी हैं। कहते हैं माता के दर्शन करने से ही कष्टों और शत्रुओं का विनाश हो जाता है।

विजयासन माता मंदिर सलकनपुर

सीहोर जिले में विंध्यवासिनी विजयासन माता मंदिर श्रद्धालुओं की आस्था केंद्र है। राक्षस रक्तबीज का संहार करने के बाद माता जिस स्थान पर विराजमान हुईं थी उसे विजयासन कहा जाता है।

मां बगलामुखी मंदिर नलखेड़ा

आगर-मालवा जिले के नलखेड़ा में लखुंदर नदी के किनारे त्रिशक्ति माता बगलामुखी का मंदिर हैं। यहां बगलामुखी की मूर्ति स्वयंभू हैं, मध्य में मां बगलामुखी, दाएं मां लक्ष्मी तथा बाएं मां सरस्वती हैं।

देवास माता टेकरी

माता टेकरी पर बड़ी माता के रूप में मां तुलजा भवानी और छोटी माता के रूप में मां चामुंडा विराजमान हैं। मान्यता है कि देवास टेकरी पर माता सती का रक्त गिरा था, इसलिए इसे शक्तिपीठ माना जाता है।

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