दशमी नहीं, आश्विन पूर्णिमा पर होती है मां दुर्गा की बिदाई


By Shivansh Shekhar05, Oct 2023 06:51 AMnaidunia.com

नवरात्रि का आरम्भ

नवरात्रि की शुरुआत 15 अक्टूबर 2023 से होने वाली है। कलश स्थापना के साथ मां दुर्गा सभी के घरों में विराजमान हो जाएंगी।

पूजा की विशेषताएं

हर जगह दुर्गा पूजा की अलग-अलग विशेषताएं हैं इसमें कई परम्पराएं होती हैं। वहीं, सीतामढ़ी में एक जगह है वहां बड़े ही भव्य तरीके से माता के पूजन का आयोजन होता है।

15 दिनों तक मेला

यहां 15 दिनों तक मेला लगता है जो काफी धूमधाम से मनाया जाता है। यहां वर्षों से खास परंपरा चली आ रही है।

आश्विन पूर्णिमा पर विसर्जन

यहां की परंपरा है कि माता का विसर्जन दशमी को नहीं बल्कि आश्विन पूर्णिमा के मौके पर होता है। इस दौरान यहां दूर-दूर से भक्त आते हैं।

करीब छह दशक से परंपरा

पूजा के आयोजन से जुड़े लोगों का यह कहना है कि यह परंपरा करीब छह दशकों से चली आ रही है। जो काफी मायने रखती है।

करीब छह दशक से परंपरा

पूजा के आयोजन से जुड़े लोगों का यह कहना है कि यह परंपरा करीब छह दशकों से चली आ रही है। जो काफी मायने रखती है।

दही-चूड़ा का भोग

यहां के लोगों का कहना है कि मां को रोजाना दही और चूड़ा का भोग लगाया जाता है। उसके बाद प्रसाद वितरण किए जाते हैं।

स्थानीय कलाकार करते हैं सजावट

मां दुर्गा के प्रतिमा से लेकर सारे सजावट का काम यहां के स्थानीय कलाकार करते हैं। आपसी सहयोग से इस पूजा का आयोजन किया जाता है।

रंग-बिरंगे फूलों का पंडाल

इसके लिए जोर-शोर से पंडाल बनाए जा रहे हैं जिसमें रंग बिरंगे फूल लगाए जाएंगे। 15 दिन पूजा अर्चना के बाद माता का विसर्जन आश्विन पूर्णिमा को होगा।

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