नवरात्रि की शुरुआत 15 अक्टूबर 2023 से होने वाली है। कलश स्थापना के साथ मां दुर्गा सभी के घरों में विराजमान हो जाएंगी।
हर जगह दुर्गा पूजा की अलग-अलग विशेषताएं हैं इसमें कई परम्पराएं होती हैं। वहीं, सीतामढ़ी में एक जगह है वहां बड़े ही भव्य तरीके से माता के पूजन का आयोजन होता है।
यहां 15 दिनों तक मेला लगता है जो काफी धूमधाम से मनाया जाता है। यहां वर्षों से खास परंपरा चली आ रही है।
यहां की परंपरा है कि माता का विसर्जन दशमी को नहीं बल्कि आश्विन पूर्णिमा के मौके पर होता है। इस दौरान यहां दूर-दूर से भक्त आते हैं।
पूजा के आयोजन से जुड़े लोगों का यह कहना है कि यह परंपरा करीब छह दशकों से चली आ रही है। जो काफी मायने रखती है।
पूजा के आयोजन से जुड़े लोगों का यह कहना है कि यह परंपरा करीब छह दशकों से चली आ रही है। जो काफी मायने रखती है।
यहां के लोगों का कहना है कि मां को रोजाना दही और चूड़ा का भोग लगाया जाता है। उसके बाद प्रसाद वितरण किए जाते हैं।
मां दुर्गा के प्रतिमा से लेकर सारे सजावट का काम यहां के स्थानीय कलाकार करते हैं। आपसी सहयोग से इस पूजा का आयोजन किया जाता है।
इसके लिए जोर-शोर से पंडाल बनाए जा रहे हैं जिसमें रंग बिरंगे फूल लगाए जाएंगे। 15 दिन पूजा अर्चना के बाद माता का विसर्जन आश्विन पूर्णिमा को होगा।