ज्य़ोतिष शास्त्र में अलग-अलग परेशानियों के लिए अलग-अलग तरह के रत्न पहनने का सुझाव दिया जाता है।
ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक, कुंडली में अशुभ ग्रहों के प्रभाव से बचने के लिए इंसान को खास रत्नों को सुझाया गया है। चलिए जानते हैं-
अगर किसी व्यक्ति के कुंडली में पितृ दोष हो, तो इसे सेहत से संबंधी परेशानियां झेलनी पड़ती हैं। इसके साथ ही बच्चों की सेहत भी खराब रहती है।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, पितृ दोष से बचने के लिए माणिक रत्न को धारण करना चाहिए। इससे जीवन में पितृ दोष के बुरे प्रभावों से छुटकारा मिलता है।
अगर आप पीला पुखराज पहन रहे हैं, तो इसका प्रभाव कुंडली में पितृ दोष से काफी हद तक मुक्ति मिलती है। पीला पुखराज गुरु बृहस्पति का रत्न माना जाता है, इसे धारण करने से बृहस्पति मजबूत होती है।
ध्यान रहे कि पीले पुखराज को पहनने से पहले व्यक्ति को ज्योतिष की सलाह लेनी चाहिए। उनके सुझाव के बाद ही पीले पुखराज को पहनना चाहिए।
माणिक्य को अंग्रेजी रत्न भी कहते हैं। इसका संबंध सूर्य से माना जाता है। ऐसे में इस रत्न को पहनने से कुंडली में सूर्य की स्थिति मजबूत बनती है।
साथ ही इस रत्न को धारण करने से बुरे प्रभावों से छुटकारा मिलता है। ध्यान रहे कि इसे रविवार के दिन सोने या तांबे की अंगूठी में जड़वा कर पहनना चाहिए।
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