हिंदू धर्म ग्रंथों में रुद्राक्ष को पवित्र माना गया है। धार्मिक अनुष्ठानों में भी रुद्राक्ष का उपयोग किया जाता है। रुद्राक्ष धारण करने से सौभाग्य की प्राप्ति होती है।
सबसे ज्यादा शुभ रुद्राक्ष एक मुखी और गौरीशंकर रुद्राक्ष को माना गया है। एक मुखी रुद्राक्ष की माला धारण करने से विश्व जीतने की क्षमता आ जाती है।
पंचमुखी रुद्राक्ष बहुत ही आसानी से मिल जाता है। ज्योतिष शास्त्र के रुद्राक्ष धारण करने से पहले गंगाजल से शुद्ध कर लेना।
रुद्राक्ष धारण करते समय भगवान शिव के पंचाक्षरी मंत्र ओम नमः शिवाय का जप करें और इसे शुभ मुहूर्त में पहनना लाभदायक माना जाता है।
पंचमुखी रुद्राक्ष में पांच रेखाएं पंचदेवों का प्रतीक माना जाता है। इसे धारण करने से व्यक्ति को अनगिनत लाभ मिलते हैं।
व्यक्ति का दुर्भाग्य दूर होता है। तरक्की होने के साथ-साथ सभी मनोकामनाएं पूरी होती है। पदोन्नति और सैलरी इंक्रीमेंट प्राप्त होता है।
रुद्राक्ष धारण करने वाले व्यक्ति को सात्विक भोजन ग्रहण करना चाहिए। श्मशान, कब्रिस्तान पर नहीं जाना चाहिए और नशे से दूर रहना चाहिए।