By Prakhar Pandey2023-05-23, 08:52 ISTnaidunia.com
हिंदू धर्म
हिंदू धर्म में शादी को 7 जन्मों का बंधन मानते हैं। आइए जानते हैं कि आखिर शादी में 7 फेरे क्यों लिए जाते हैं?
शादी
हिंदू धर्म में शादी सिर्फ दो लोगों का मेल ही नहीं बल्कि जन्मों-जन्म का बंधन माना जाता हैं। विवाह व्यक्ति को उसकी जिम्मेदारियों का एहसास भी करवाता हैं।
सात
विवाह में 7 संख्या का विशेष महत्व होता हैं। जैसे की सात जन्म, सात वचन, सात फेरे इन सब का हिंदू धर्म में शादी से विशेष नाता होता हैं।
सात फेरे
सात फेरों में 7 समुद्र, सप्ततऋषि, 7 दिन, 7 चक्र, संगीत के 7 सुर, इंद्रधनुष के 7 रंग, मनुष्य की 7 क्रियाएं सात तारें आदि शामिल हैं।
शुभ
7 फेरों को पौराणिक मान्याताओं में बेहद शुभ माना गया हैं। इन्हीं मान्यताओं के चलते शादी में सात फेरे लेने की परंपरा हैं।
सात वचन
सात फेरों के साथ-साथ पति और पत्नी को सात वचन भी दिलाए जाते हैं। सात फेरों में अलग अलग वचन निभाने की बातें कही गई हैं।
जीवन भर का साथ
शादी दो लोगों का शारीरिक और आत्मिक रुप से एक करने का पवित्र बंधन होता हैं। शास्त्रों के मुताबिक इंसान 7 जन्म लेता हैं और यह साथ भी सात जन्मों का होता हैं।
पवित्र बंधन
शादी को एक पवित्र बंधन माना जाता हैं। जन्मों-जन्म के इस बंधन में बंधने वालें वर-वधू को हमेशा इन 7 वचनों का पालन करना चाहिए। स्टोरी में लिखी बातें मान्यताओं पर आधारित हैं।
धर्म और अध्यात्म से जुड़ी खबरों को पढ़ने के लिए जुड़े रहें naidunia.com के साथ
ब्लैक टी पीने से मजबूत होती है इम्यूनिटी, ये खतरे भी होते हैं कम