जीवन का अंतिम सत्य है मृत्यु इससे कोई भी नहीं बच पाया है। मृत्यु कई तरह से आती है। कोई आनंद से मृत्यु पाता है और कोई दुखी होकर मृत्यु पाता है। लेकिन सबसे भयानक अकाल मृत्यु होती है। आइए जानते हैं कि गरुण पुराण के अनुसार अकाल मृत्यु क्या है-
गरुड़ पुराण में बताया गया है कि जब किसी की असामान्य मृत्यु होती है जैसे की किसी हादसे के कारण या किसी दुर्घटना के चलते जब मनुष्य प्राण त्यागता है तो उसे अकाल मृत्यु कहा जाता है।
गरुड़ पुराण के अनुसार यदि कोई पुरुष अकाल मृत्यु को प्राप्त करता है तो उसकी आत्मा प्रेत योनि में प्रवेश कर के अपने परिजनों के इर्द गिर्द भटकती रहती है।
किसी विवाहित महिला की अकाल मृत्यु होती है, तो पर उसकी आत्मा अलग अलग योनियों में प्रवेश कर धरती पर ही विचरण करती रहती है।
शिव जी की पूजा करने से अकाल मृत्यु से छुटकारा मिल सकता है। वहीं, अगर अकाल मृत्यु का भय हो, तो जल में तिल और शहद मिलाकर भगवान शिव का अभिषेक करना चाहिए।
किसी व्यक्ति की मृत्यु उसके भाग्य से तय होती है। अक्सर लोग कम अवधि तक जीवित रहना चाहते हैं।
अकाल मृत्यु के बाद जीवात्मा की आयु पूरी नहीं होती, इसलिए वह भटकती रहती है, जब तक की उसका जीवन चक्र पूरा नहीं हो जाता।
गरुण पुराण के अनुसार अकाल मृत्यु यह है। एस्ट्रो से जुड़ी ऐसी ही अन्य खबरों के लिए पढ़ते रहें NAIDUNIA.COM