गरुण पुराण के अनुसार अकाल मृत्यु क्या है?


By Ayushi Singh23, Jul 2024 12:40 PMnaidunia.com

जीवन का अंतिम सत्य है मृत्यु इससे कोई भी नहीं बच पाया है। मृत्यु कई तरह से आती है। कोई आनंद से मृत्यु पाता है और कोई दुखी होकर मृत्यु पाता है। लेकिन सबसे भयानक अकाल मृत्यु होती है। आइए जानते हैं कि गरुण पुराण के अनुसार अकाल मृत्यु क्या है-

अकाल मृत्यु

गरुड़ पुराण में बताया गया है कि जब किसी की असामान्य मृत्यु होती है जैसे की किसी हादसे के कारण या किसी दुर्घटना के चलते जब मनुष्य प्राण त्यागता है तो उसे अकाल मृत्यु कहा जाता है।

भटकती है आत्मा

गरुड़ पुराण के अनुसार यदि कोई पुरुष अकाल मृत्यु को प्राप्त करता है तो उसकी आत्मा प्रेत योनि में प्रवेश कर के अपने परिजनों के इर्द गिर्द भटकती रहती है।

करती रहती है विचरण

किसी विवाहित महिला की अकाल मृत्यु होती है, तो पर उसकी आत्मा अलग अलग योनियों में प्रवेश कर धरती पर ही विचरण करती रहती है।

मिल सकता है छुटकारा

शिव जी की पूजा करने से अकाल मृत्यु से छुटकारा मिल सकता है। वहीं, अगर अकाल मृत्यु का भय हो, तो जल में तिल और शहद मिलाकर भगवान शिव का अभिषेक करना चाहिए।

कम रहते हैं जीवित

किसी व्यक्ति की मृत्यु उसके भाग्य से तय होती है। अक्सर लोग कम अवधि तक जीवित रहना चाहते हैं।

नहीं होता  जीवन चक्र पूरा

अकाल मृत्यु के बाद जीवात्मा की आयु पूरी नहीं होती, इसलिए वह भटकती रहती है, जब तक की उसका जीवन चक्र पूरा नहीं हो जाता।

गरुण पुराण के अनुसार अकाल मृत्यु यह है। एस्‍ट्रो से जुड़ी ऐसी ही अन्य खबरों के लिए पढ़ते रहें NAIDUNIA.COM

23 जुलाई से करोड़पति बनेंगे 4 राशि वाले, बन रहा है द्विपुष्कर योग