किसी भी शुभ कार्य जैसे- शादी, मुंडन, रिसेप्शन, बर्थडे आदि पर शगुन देने का चलन है। आमतौर पर शगुन के तौर पर 101, 201, 501, 1001 रुपये या इससे अधिक राशि का शगुन दिया जाता है।
शगुन की राशि कितनी भी हो लेकिन उसमें 1 रुपया जुड़ा रहता है। ऐसे में जानेंगे कि शगुन में 1 रुपये का इस्तेमाल क्यों होता है और इसका क्या महत्व है?
किसी भी राशि जैसे 100, 200, 500, 1000 आदि में 1 रुपया जोड़ने से यह राशि अभाज्य बन जाती है। इससे यह संख्या किसी से भाज्य नहीं होती है।
ऐसे में माना जाता है कि शगुन राशि में 1 रुपया लगाने से रिश्ता अटूट और अभाज्य बना रहता है। वहीं, यह अभाज्य राशि शुभ भी मानी जाती है।
1 रुपया आर्थिक समृद्धि का प्रतीक भी माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि 1 रुपया लगाने से आर्थिक रूप से होने वाली परेशानियां नहीं होती हैं और सौभाग्य में वृद्धि होती है।
ऐसी मान्यता है कि शगुन में 1 रुपया लगाकर देने से उस व्यक्ति पर माता लक्ष्मी की कृपा होती है और धन संबंधी समस्याओं का सामना नहीं करना पड़ता है।
धन की देवी माता लक्ष्मी के आशीर्वाद से व्यक्ति को कार्यों में सफलता मिलती है और इसके साथ ही मान-सम्मान में भी वृद्धि होती है।
वहीं, शून्य को शुभ नहीं माना जाता है और इससे रिश्ता टूट सकता है। ऐसे में रिश्ता बनाए रखने के लिए शगुन में 1 रुपये का इस्तेमाल किया जाता है।
शगुन में 1 रुपये का इस्तेमाल इन कारणों से होता है। ऐसी ही अन्य जानकारियों के लिए जुड़े रहें हमारे साथ Naidunia.Com पर