दशाश्वमेध घाट अपने आप में एक सबसे प्रसिद्ध घाट है, जो बनारस में स्थिति है। इस घाट को हर शाम अग्नि-प्रज्वलित दीपों से रोशन किया जाता है और पुजारी अनुष्ठान करते हैं। आइए जानते हैं कि दशाश्वमेध घाट का क्या महत्व है-
दशाश्वमेध घाट को देवी शीतला का निवास स्थान माना जाता है, जिन्हें जीवन और मृत्यु का तत्व माना गया है। ऐसा माना जाता है कि देवी भक्तों की आत्मा से बुराई और दर्द को दूर करती हैं।
दशाश्वमेध घाट वाराणसी का सबसे प्रसिद्ध घाट है, जो अपनी शानदार गंगा आरती के लिए जाना जाता है। घाट को हर शाम अग्नि-प्रज्वलित दीपों से रोशन किया जाता है।
ऐसा कहा जाता है कि इस घाट पर पूजा-पाठ करने से जीवन के हर कष्ट दूर होते हैं और मन का शांति भी मिलती है।
ऐसा माना जाता है की जो भी व्यक्ति इस घाट पर स्नान करता है उसके सातों जन्म के पाप नष्ट हो जाता है अर्थात उसका उद्धार हो जाता है।
दशाश्वमेध घाट पर गंगा आरती की शुरुआत 20 वीं सदी में हुई थी। इसका उद्देश्य गंगा नदी की महिमा और धार्मिक महत्व को बढ़ाना था।
धार्मिक मान्यता के अनुसार दशाश्वमेध घाट पर त्योहारों के समय में स्नान करने से श्री दशाश्वमेध ईश्वर महादेव के की कृपा प्राप्त होती है।
यह दशाश्वमेध घाट का महत्व है। एस्ट्रो से जुड़ी ऐसी ही अन्य खबरों के लिए पढ़ते रहें NAIDUNIA.COM