अक्सर शादी-विवाह से पहले कुंडली का मिलन करवाया जाता है,जिसके हिसाब से शादी-विवाह तय होती है। आइए जानते हैं कि शादी विवाह में 36 गुण मिलाने का क्या महत्व है-
विवाह में 36 गुण मिलाना अशुभ माना जाता है,क्योंकि भगवान राम और माता सीता के शादी के समय में 36 गुण मिले थे।
वहीं,दूसरी ओर भगवान राम और माता सीता के 36 गुण मिलने से उनका जीवन कष्टदायक था। साथ ही,पूरे जीवन परेशानियां झेलती रही।
भगवान राम की कुंडली मिलाने से उनके दांपत्य जीवन में काफी परेशानियां थी। गुण के साथ कुंडली का भी मिलान करना चाहिए।
ऐसा माना जाता है कि 36 गुणों में से 18 गुण मिलना ठीक माना जाता है और इससे ज्यादा गुण मिलने से शुभ विवाह मिलान कहते हैं।
वैसे तो 36 गुणों का मिलना अच्छा माना जाता है, लेकिन इसका असर वैवाहिक जीवन पर पड़ता है और समस्या को झेलना पड़ता है।
लेख में दी गई सभी जानकारियां सामान्य मान्यताओं पर आधारित है जिसकी हम अपनी तरफ से कोई भी पुष्टि नहीं करते हैं।
शादी विवाह में 36 गुण मिलाने का यह महत्व है। एस्ट्रो से जुड़ी ऐसी ही अन्य खबरों के लिए पढ़ते रहें NAIDUNIA.COM