सनातन धर्म में नीलकंठ पक्षी का काफी ज्यादा महत्व होता है। ऐसी मान्यता है कि विजय दशमी के दिन इसके दर्शन से अच्छे फल मिलते हैं।
दशहरा का पर्व भगवान श्री राम द्वारा रावण पर विजय पाने के लिए धूमधाम से मनाया जाता है। इस दिन को बुराई पर अच्छाई का प्रतीक माना जाता है।
पूरे देश में दशहरा के मौके पर रावण का पुतला जलाया जाता है। इसके साथ ही नवरात्रि का अंत हो जाता है। यह दिन बेहद अलग होता है।
कथा है कि जब राम ने रावण का वध किया था तब उनके ऊपर ब्राह्मण हत्या का पाप लगा था। उसके बाद उन्होंने लक्ष्मण के साथ मिलकर शिव की आराधना की।
उसके बाद भगवान शिव नीलकंठ के रूप में धरती पर आए। यही कारण है कि नीलकंठ का दर्शन बेहद ही शुभ माना जाता है।
उसके बाद भगवान शिव नीलकंठ के रूप में धरती पर आए। यही कारण है कि नीलकंठ का दर्शन बेहद ही शुभ माना जाता है।
ऐसी मान्यता है कि दशहरा पर नीलकंठ का दर्शन करना शुभ होता है और घर में खुशहाली आती है। सारे दुखों का नाश होता है।
विजयादशमी पर्व के दिन नीलकंठ पक्षी के दिखने पर एक मंत्र है उसका जाप जरूर करें। इससे अच्छे फल की प्राप्ति होती है।
आज के समय में आसमान में बहुत कम पक्षी दिखाई पड़ते हैं। इसलिए दशहरे के दिन खंजन पक्षी का चित्र डाउनलोड करके उसकी पूजा करें।