माता दुर्गा के हाथों में तलवार, चक्र और धनुष-बाण है। इससे मां दुष्टों का संहार करती हैं और अपने भक्तों की रक्षा करती हैं।
माता रानी की तर्जनी में घूमता सुदर्शन चक्र इस बात का प्रतीक माना जाता है कि उनके बिना पूरी दुनिया अधूरा है। सब उनके आदेश में हैं।
मां दुर्गा बुराई को मिटाकर धर्म का विकास करेंगी और धर्म के अनुकूल वातावरण तैयार करने और पापों का नाश करने में सहायक होगा।
महारानी दुर्गा के हाथ में सुशोभित तलवार धार और चमक का प्रतीक है। यह एक ज्ञान है जो सभी संदेहों से मुक्त है, जो बताता है कि ज्ञान के मार्ग पर संदेह नहीं होता।
माता दुर्गा के हाथों में लगा ओम हमें परमात्मा का बोध कराता है। इसी ओम के अंदर सभी शक्तियां निहित है और वह बलवान हैं।
माता दुर्गा के हाथों में लगा ओम हमें परमात्मा का बोध कराता है। इसी ओम के अंदर सभी शक्तियां निहित है और वह बलवान हैं।
नवरात्रि के पावन अवसर पर नवदुर्गाओं को अर्पित किए जाने वाले वस्त्र, पुष्प और सभी वस्तुएं लाल रंग की होती है।
नवरात्रि पर जब कलश की स्थापना होती है तो उसके ऊपर भी लाल कपड़े में लिपटा हुआ नारियल रखा जाता है।
मां दुर्गा द्वारा धारित तीर और धनुष ऊर्जा का प्रतिनिधित्व करता है। वहीं, त्रिशूल तीन गुणों का प्रतीक है संसार में तीन तरह की प्रवृत्ति होती हैं।