हिंदू धर्म में कलावे का विशेष महत्व है, जिसे हर पूजा-पाठ में प्रयोग किया जाता है। आइए जानते हैं कि पुराने कलावे का क्या करना चाहिए-
कलावे को न सिर्फ रक्षा सूत्र माना जाता है बल्कि यह दिव्य शक्तियों से सजज एक धागा होता है, जो व्यक्ति को शारीरिक, मानसिक और आत्मिक बल प्रदान करता है।
कलावा पुरुष को सीधे हाथ में बाधा जाता है वहीं महिलाओं को उलटे हाथ में कलावा बांधा जाता है। इसमें तीन गांठ लगाई जाती है।
शास्त्रों के अनुसार, कलावा पुराना हो जाता है या कलावे का रंग उतर जाता है तो उसे हाथ में धारण करके नहीं रखना चाहिए।
शास्त्रों में बताया गया है कि पुराने कलावे को फेंकने से नकारात्मक ऊर्जाओं को आकर्षित करती है इसलिए इस कलावे को जला देना चाहिए।
कलावे को जलाने के अलावा उसे मिट्टी में गाढ़ना भू शास्त्रों में उचित माना गया है। ऐसा करने से कलावे का अपमान नहीं होता है।
जब कलावा पुराना हो जाए तो कभी-भी किसी पेड़-पौधे को चढ़ाना या बांधना नहीं चाहिए, क्योंकि वह उतरा कलावा अपवित्र माना गया है।
पुराने कलावे को जला देना चाहिए। एस्ट्रो से जुड़ी ऐसी ही अन्य खबरों के लिए पढ़ते रहें NAIDUNIA.COM