तुलसी के पौधे का महत्व हिंदू धर्म में काफी ज्यादा होता है जो पूजनीय माना जाता है। घरों में तुलसी का पौधा लोग खास रूप से लगाते हैं।
पूजा पाठ में तुलसी के पत्ते का उपयोग भी किया जाता है। प्रसाद में भी लोग तुलसीदल डालते हैं। इसके कई सारे लाभ हमें मिलते हैं।
तुलसी की मंजरी का उपयोग भी शुभ कार्यों के लिए किया जाता। इसके स्वास्थ लाभ के साथ साथ पूजा पाठ में लाभ होते हैं, जो काफी प्रभावशाली है।
तुलसी की मंजरी से कई रोग दूर किए जा सकते हैं। तुलसी के पौधे की मंजरी को पकते ही फौरन उसे लगाना चाहिए, जो सही हो सकता है।
ऐसी मान्यता है कि मंजरी तुलसी मां के सिर पर भार के जैसा होता है। यह जितना ज्यादा फैलता है उतना ही भार तुलसी के ऊपर बढ़ने लगता है।
ऐसी मान्यता है कि मंजरी तुलसी मां के सिर पर भार के जैसा होता है। यह जितना ज्यादा फैलता है उतना ही भार तुलसी के ऊपर बढ़ने लगता है।
ऐसी मान्यता है कि तुलसी की मंजरी को हमेशा भूरा होने के बाद ही तोड़ना चाहिए। ज्योतिष के मुताबिक मंजरी को तुलसी माता का नाखून भी कहा जाता है।
मंजरी तुलसी के बीज का काम करती है। आपको एक बात ध्यान में रखनी चाहिए कि रविवार के दिन भूलकर भी तुलसी का पत्ता या मंजरी न टूटे।
इस लेख में दी गई सभी जानकारियां एक सामान्य मान्यताओं पर आधारित है जिसकी हम अपनी तरफ से कोई भी पुष्टि नहीं करते हैं।