हर साल ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को निर्जला एकादशी का व्रत रखा जाता है। भगवान विष्णु को प्रसन्न करने और उनका विशेष आशीर्वाद पाने के लिए इस एकादशी का व्रत रखा जाता है।
अन्य व्रतों के मुकाबले यह व्रत बहुत ही कठिन माना जाता है। इस दिन बिना कुछ खाएं और बिना पानी पिए व्रत रखा जाता है। ऐसा करने से भगवान विष्णु विशेष रूप से प्रसन्न होते हैं।
हिंदू पंचांग के अनुसार इस वर्ष निर्जला एकादशी की तिथि 30 मई मंगलवार को दोपहर 1 बजकर 07 मिनट पर शुरू होगी। इसका समापन 31 मई 2023, दिन बुधवार को 01 बजकर 45 मिनट पर होगा।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार निर्जला एकादशी का बहुत अधिक महत्व होता है। इस तिथि पर जो भी व्यक्ति निर्जला व्रत रखता है उनकी सभी इच्छाएं भगवान विष्णु पूरी करते हैंं।
शास्त्रों के अनुसार निर्जला एकादशी व्रत में सूर्योदय से लेकर दूसरे दिन के सूर्योदय तक जल का त्याग करना चाहिए और अगले दिन सूर्योदय के बाद पूजा करके पारण के समय जल ग्रहण करना चाहिए।
नमक का सेवन अगर बहुत ज्यादा जरूरी है तो दिन में एक बार सेंधा नमक खा सकते है। यदि आप व्रत नहीं रख रहे हैं तब भी सात्विक भोजन का ही सेवन करें।