शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष को मिलाकर एक साल में कुल 24 एकादशी पड़ती है। एकादशी का महत्व सनातन धर्म में काफी ज्यादा होता है।
ऐसी मान्यता है कि एकादशी का व्रत करने से इंसान को मोक्ष की प्राप्ति होती है। पुराणों में इसके बारे में काफी विस्तार से बताया गया है।
हरेक एकादशी का अपना अलग ही महत्व होता है। लेकिन साल में 4 एकादशी ऐसी होती है जिसे करने से आप हरेक दुख और पीड़ा से मुक्ति पा सकते हैं।
इसमें निर्जला एकादशी को सबसे बड़ी और शक्तिशाली एकादशी माना गया है। इस एकादशी को करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है।
ऐसी मान्यता है कि इस एक व्रत से ही पूरे साल के वरदान का फल मिलता है। इस व्रत का फल सभी भक्तों को मिलता है साथ ही भगवान विष्णु का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
फाल्गुन मास शुक्ल पक्ष की आमलकी एकादशी का महत्व भी कई गुना ज्यादा होता है। इस पुनीत व्रत को करने से असीम कृपा प्राप्त होती है।
चैत्र मास के कृष्ण पक्ष में पड़ने वाली पापमोचनी एकादशी को करने सभी पाप खत्म हो जाते हैं। साथ ही कार्तिक मास शुक्ल पक्ष की देवोत्थान एकादशी का महत्व भी काफी ज्यादा होता है।
इस लेख में दी गई सभी जानकारियां एक सामान्य मान्यताओं पर आधारित है जिसकी हम अपनी तरफ से कोई भी पुष्टि नहीं करते हैं।