आज कल यूरिक एसिड के मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। यह एक गंभीर बीमारी है, जिसके शुरुआती लक्षण में जोड़ों में दर्द और जकड़न महसूस होती है।
यह ऑक्सीजन, कार्बन, हाइड्रोजन और नाइट्रोजन जैसे तत्वों से मिलकर बना कम्पाउंड होता है, जो शरीर को प्रोटीन से अमीनो अम्लों के रूप में मिलता है। जब शरीर में इसकी मात्रा बढ़ जाए तो यह हड्डियों को नुकसान पहुंचाने लगता है।
इससे व्यक्ति का रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होने लगती है। जिससे व्यक्ति बीमारियों की चपेट में जल्दी आता है। शरीर में इसके बढ़ने का कारण बैलेंस डाइट का अभाव है।
इसके लक्षणों में पैरों-जोड़ों में दर्द, गांठों में सूजन, एड़ियों में दर्द, शुगर लेवल का बढ़ना, लगातार बैठने और उठने में एड़ियों में असहनीय दर्द होना हैं।
शरीर में यूरिक एसिड बढ़ने पर ड्राई फ्रूट्स, दही, चावल, पालक नहीं खाना चाहिए। इनमें प्रटिन बहुत ज्यादा पाया जाता है।
यूरिक एसिड बढ़ने पर नॉन वेज खाने से परहेज करना चाहिए। इसे खाने से शरीर में यूरिक एसिड तेजी से बढ़ता है।
शरीर में यूरिक एसिड की मात्रा बढ़ने पर दूध या दाल का सेवन नहीं करना चाहिए। इससे शरीर में ज्यादा मात्रा में यूरिक एसिड जमा हो सकता है।
यूरिक एसिड की परेशानी से बचने के लिए सोया मिल्क, चटपटे और तली हुई चीजों का सेवन भूलकर भी नहीं करना चाहिए।
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