वास्तु शास्त्र में शौचालय से जुड़े कुछ नियम भी बताए गए हैं। इतना ही नहीं, बाथरूम के अंदर रखी चीजों की भी एक सही दिशा होती है।
सबसे पहले बता दें कि बाथरूम बनाने के लिए पूर्व दिशा को सही माना जाता है। इसके अलावा, उत्तर दिशा में भी आप शौचालय का निर्माण कर सकते हैं।
शायद आपको थोड़ी हैरानी होगी, लेकिन शौच करते समय मुंह किस दिशा में करना चाहिए इसे लेकर भी वास्तु शास्त्र में कुछ नियम बताए जाते हैं।
इंसान को भूलकर भी शौच करते समय अपना मुंह पूर्व दिशा में नहीं करना चाहिए। वास्तु शास्त्र में इस दिशा की तरफ मुख करके शौच करना अशुभ माना जाता है।
जब भी आप बाथरूम में जाएं तो इस बात का ध्यान रखें कि आपका मुंह किस ओर है। वास्तु शास्त्र की मानें तो शौच करते समय मुंह दक्षिण या पश्चिम दिशा में ही होना चाहिए।
कई लोग शौचालय की सीट गलत तरीके से लगाते हैं, जिसकी वजह से उनका मुंह दक्षिण या पश्चिम दिशा की तरफ नहीं हो पाता है। इससे बचने के लिए बाथरूम की सीट को इस तरह से लगाए कि आपका मुंह सही दिशा में हो सके।
बाथरूम से नकारात्मक ऊर्जा निकलती है और इस वजह से दिशा का ध्यान रखना बेहद जरूरी है। वास्तु शास्त्र के अनुसार, शौचालय का ध्यान न रखने का बुरा असर पूरे घर की सुख-शांति पर पड़ता है।
बाथरूम की दिशा को लेकर बताई गई जानकारी सामान्य मान्यता पर आधारित है। इसे अमल में लाने से पहले वास्तु विशेषज्ञों से सलाह जरूर लें।
यहां हमने बाथरूम से जुड़े वास्तु नियमों को लेकर बात की। ऐसी ही अन्य धर्म और अध्यात्म से जुड़ी खबरों को पढ़ने के लिए जुड़े रहें naidunia.com के साथ