महाभारत युद्ध के दौरान कई ऐसे किरदार का वर्णन मिलता है, जिन्होंने युद्ध में भाग तो लिया लेकिन उनके बारे में चर्चा नहीं हुई। उन्हीं में से एक दशरथ के नाती भी आते हैं।
महाराज दशरथ के नाती ने भी महाभारत युद्ध में भाग लिया था। इतना ही नहीं बल्कि उन्होंने अर्जुन के पुत्र का वध भी किया था। ऐसे में यह जानना जरूरी है कि आखिर उनका नाम क्या था?
कई ग्रंथों के हिसाब से महाराज दशरथ के चार पुत्र राम, लक्ष्मण, भरत और शत्रुघ्न थे। लेकिन क्या आप यह जानते हैं कि उनकी एक पुत्री भी थी। हालांकि, वाल्मीकि रामायण में शांता का जिक्र नहीं हुआ है।
लेकिन, कुछ ग्रंथ ऐसे भी हैं जिनमें महाभारत के युद्ध में शांता के पुत्र के भाग लेने के बारे में लिखा गया है। यानी दशरथ के नाती ने भी यह युद्ध लड़ा था।
महाराज दशरथ की पुत्री शांता का विवाह ऋषि भृंग के साथ हुआ था। वहां उनसे एक पुत्र की उत्पत्ति भी हुई थी। उसका नाम अलम्बुष था।
ये पांडव के रिश्ते में भी लगते थे। लेकिन वो उनसे काफी नाराज रहते थे, क्योंकि पांडवों ने युद्ध के दौरान जीतने के लिए छल का सहारा लिया था। ऐसे में दुर्योधन ने जब अलम्बुष से मदद मांगी तो उन्होंने हां कर दी।
युद्ध में अलम्बुष ने इरावन का युद्ध किया था। तब कृष्ण ने अलम्बुष को उसकी भूल का दंड दिया और उन्होंने भीम के पुत्र घटोत्कच को युद्ध में उतारा। इतना भयंकर युद्ध देखकर पांडव सेना डर गई थी। हालांकि, इस युद्ध में अलम्बुष घटोत्कच के हाथों मारा गया था।
इस लेख में दी गई सभी जानकारियां एक सामान्य मान्यताओं पर आधारित है जिसकी हम अपनी तरफ से कोई भी पुष्टि नहीं करते हैं।