महाभारत के युद्ध में अभिमन्यु ने अपने पराक्रम से हर किसी को चौका दिया था। आइए जानते है महाभारत में क्यों खास है अभिमन्यु का किरदार?
अभिमन्यु पांडू पुत्र अर्जुन और कृष्ण व बलराम की बहन सुभद्रा के पुत्र थे। अभिमन्यु ने महाभारत में अपने युद्ध कौशल और पराक्रम से बड़े से बड़े महारथी को युद्ध में धूल चटाई थी।
अभिमन्यु जन्म से ही एक अच्छे छात्र थे। उन्हें धनुर विद्या, शास्त्रों का ज्ञान और अन्य शस्त्रों का ज्ञान उनके मामा श्री कृष्ण और बलराम ने दिया था।
अर्जुन पुत्र अभिमन्यु भले ही सुभद्रा की कोख से जन्मे थे, लेकिन उन्हें सुभद्रा के अलावा मां द्रौपदी का भी ढेर सारा प्यार मिला था।
कुरुक्षेत्र के रण में अभिमन्यु ने पांडवों का अंत तक साथ दिया था। अभिमन्यु के शौर्य के आगे बड़े से बड़े योद्धा भी नहीं टिक पा रहे थे।
अभिमन्यु ने महाभारत के युद्ध में पितामह भीष्म, कर्ण, दुर्योधन, गुरु द्रोण, दुशासन और अन्य महारथियों को पूरे युद्ध में कड़ी टक्कर दी थी।
अभिमन्यु का किरदार इसलिए भी बेहद खास हो जाता हैं। क्योंकि उन्होंने युद्ध में अंत तक घुटने नहीं टेके थे। कम आयु में भी अभिमन्यु ने अपने पितामह, चाचा और अन्य शूरवीरों का युद्ध में डटकर सामना किया था।
दुर्योधन, दुशासन, अश्वत्थामा समेत अन्य योद्धाओं ने छल से अभिमन्यु को मारा था। अभिमन्यु को अंत में कर्ण ने मारा था। अभिमन्यु युद्ध भूमि में बुरी तरह घायल होने के बावजूद भी हार नहीं माने थे।