विवाह में कुंवारी लड़कियां सिंदूरदान क्यों नहीं देखती है?


By Ayushi Singh09, Dec 2024 04:29 PMnaidunia.com

शादी के समय कई ऐसे रस्में निभाई जाती है, जिसे कुंवारी लड़कियां को देखने की मनाही होती है। आइए जानते हैं कि विवाह में कुंवारी लड़कियां सिंदूरदान क्यों नहीं देखती है-

साक्षी होते हैं देवी-देवता

ऐसा माना जाता  है कि सिंदूरदान की रसम में देवी-देवता साक्षी होते हैं और इस रसम के बाद से दोनों के नए जीवन की शुरुआत होती है।

नहीं मिलता पूरा फल

वहीं, दूसरी ओर इस रसम को अगर कुंवारी लड़कियां देखती है, तो दुल्हन को इस रस्म का पूरा फल नहीं मिल पाता है।

चार दीवारी में सिंदूरदान

शादी के समय में इस रस्म को चारदीवारी में किया जाता है और सिंदूरदान करते समय सिर्फ वर-वधू ही देख सकते हैं।

रिश्ता होता है मजबूत

इस रस्म से वर-वधू का रिश्ता मजबूत होता है और एक नया जीवन शुरू करने का आशीर्वाद प्रापत होता है।

सिंदूर का महत्व

हिंदू धर्म में सिंदूरदान का विशेष महत्व है और इसे अंखड़ सौभाग्य का प्रतीक भी माना जाता है। इसे मांग के बीचो-बीच भरा जाता है।

ग्रह होते हैं मजबूत

ऐसा माना जाता है कि मांग भरने से सूर्य और मंगल ग्रह मजबूत होते हैं और इससे जीवन में शुभ परिणाम भी प्राप्त होते हैं।

इन कारणों से विवाह में कुंवारी लड़कियां सिंदूरदान नहीं देखती है। एस्‍ट्रो से जुड़ी ऐसी ही अन्य खबरों के लिए पढ़ते रहें NAIDUNIA.COM

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