शास्त्रों में कई ऐसी बातें बताई गई है जिसका पालन करना जरूरी होता है। परिवार में मृत्यु होने जाने के बाद पूजा-पाठ की मनाही होती है। आइए जानते हैं कि घर में मृत्यु हो जाने के बाद सवा महीने तक मंदिर क्यों नहीं जाते हैं-
मृत्यु के बाद 12 दिन का समय सूतक काल होता है। इस समय किसी भी शुभ काम करने की मनाही होती है और पूजा-पाठ भी नहीं होते हैं।
कहीं-कहीं जगह तो सवा महीने कर मंदिर या पूजा-पाठ करने की मनाही होती है और एक साल तक कोई शुभ काम भी नहीं होते हैं।
ऐसा माना जाता है कि परिवार के सभी लोगों को मृतक की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करनी चाहिए और गरुड़ का पाठ करना चाहिए।
सूतक काल की अवधि सभी जातियों के लिए अलग-अलग होती है किसी के लिए 10 से लेकर 30 दिनों की होती है।
घर में किसी की मृत्यु हो जाने के बाद पूजा-पाठ नहीं करना चाहिए,बल्कि गरुड़ का पाठ करना चाहिए और सात्विक धर्म का पालन करें।
लेख में दी गई सभी जानकारियां सामान्य मान्यताओं पर आधारित है जिसकी हम अपनी तरफ से कोई भी पुष्टि नहीं करते हैं।
इन कारणों से घर में मृत्यु हो जाने के बाद सवा महीने तक मंदिर नहीं जाते हैं। एस्ट्रो से जुड़ी ऐसी ही अन्य खबरों के लिए पढ़ते रहें NAIDUNIA.COM