भारत में गणेश पूजा बहुत ही धूमधाम से लोग मनाते हैं। कई राज्यों में तो इस उत्सव का एक अलग ही रंग देखने को मिलता है।
हर वर्ष भाद्रपद की चतुर्थी तिथि को गणपति का जन्मोत्सव मनाया जाता है। लोग 10 दिनों तक बहुत ही धूमधाम से इनकी पूजा करते हैं।
आपने कभी ये सोचा है कि आखिर ये त्योहार 10 दिनों तक क्यों मनाया जाता है। अगर नहीं तो चलिए हम आपको बताते हैं।
धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक इस तिथि में गणेश जी के जन्म के साथ-साथ चतुर्थी के दिन से ही महाभारत लिखने का कार्य शुरू हुआ था।
लेकिन गणेश भगवान ने उनके सामने यह शर्त रख दी कि वह अगर लिखना शुरू करेंगे, तो अपनी कलम को नहीं रोकेंगे और कलम रुक गई तो लिखना बंद कर देंगे।
लेकिन गणेश भगवान ने उनके सामने यह शर्त रख दी कि वह अगर लिखना शुरू करेंगे, तो अपनी कलम को नहीं रोकेंगे और कलम रुक गई तो लिखना बंद कर देंगे।
गणेश जी की बातें सुन महर्षि वेदव्यास ने कहा कि 'गणेश आप विद्वानों में सर्वश्रेष्ठ हैं और मैं एक मामूली सा लेखक' अगर मुझसे गलती हो जाए तो आप सही कर दीजिएगा।
यही कारण था कि महाभारत का लेखन 10 दिनों तक चलता रहा तब जाकर महाभारत का लेख पूरा हुआ।
अनंत चतुर्थी के दिन जब महाभारत लिखने का कार्यक्रम पूरा किया तो उसके बाद भगवान गणेश जी के शरीर पर धूल मिट्टी जम गई थी।