महाभारत में द्रौपदी के किरदार को बहुत ही पावरफुल माना गया है। द्रौपदी राजा द्रुपद के यज्ञ कुंड से अवतरित हुई थी, इसलिए उन्हें यज्ञसेनी नाम से भी जाना जाता है।
पौराणिक कथाओं में यह वर्णित है कि द्रौपदी केवल पांडवों की पत्नी ही नहीं थी, बल्कि कुरुक्षेत्र की रणभूमि में शस्त्र भी नहीं उठाए।
द्रौपदी गलत के खिलाफ आवाज उठाने वाली थी। न्याय के प्रति जागरूक रहने वाली गुण द्रौपदी के पास थे, जो उनको योद्धा के समान बनाते थे।
द्रौपदी के पूर्वजन्म की बात करें, तो ज्यादा पाने की लालसा के कारण द्रौपदी ने ऐसी भूल कर दी, जिससे उन्हें अगले जन्म में पांच पतियों से शादी करनी पड़ी।
महाभारत के आदिपर्व में द्रौपदी के जन्म की कथा व्यास जी ने लिखा है कि द्रौपदी यानी यज्ञ से जन्मी यज्ञसेनी पिछले जन्म में एक गरीब ब्राह्मण थी।
उसका पति हमेशा बीमार रहता था, ऐसे में उस ब्राह्मणी महिला को पति से कोई सुख नहीं मिला। वहीं, एक दिन बीमारी से उसका पति मर गया। जिसके बाद वो विधवा हो गई। उसके बाद शिव की तपस्या करने लगी।
काफी लंबे समय के बाद भगवान शिव खुश हुए और उनकी इच्छा को पूरी की। अगले जन्म में द्रौपदी की शादी अर्जुन, भीम, नकुल और सहदेव से हुई। यही कारण था कि उनकी एक गलती न उनकी पांच शादी करा दी।
इस लेख में दी गई सभी जानकारियां एक सामान्य मान्यताओं पर आधारित है जिसकी हम अपनी तरफ से कोई भी पुष्टि नहीं करते हैं।