क्यों हिंदू धर्म में कौवे के महत्व को काफी ज्यादा माना गया है? पितृ पक्ष में कौवे में भोजन दिया जाता है,आइए इसके बारे में जानते हैं।
शास्त्रों के अनुसार, ऐसा माना गया है कि ब्रह्मा जी दिन में सृष्टि का निर्माण करते हैं। वहीं, रात को वह सृष्टि का विनाश कर देते हैं।
शास्त्रों में कौवों को काकभुशुण्डि का रूप माना गया है। एक ऋषि के श्राप के चलते वह कौवा बन गए थे। यह बेहद ही रोचक बात है।
काकभुशुण्डि भगवान श्री राम के एक बहुत बड़े भक्त थे। जिसके बाद उन्हें यह वरदान मिला था कि वे समय में आगे-पीछे जा सकते हैं।
ऐसा कहा जाता है कि कौवों को पितृपक्ष में खाना खिलाया जाता है, ताकि वो समय से पीछे जाकर हमारा मैसेज हमारे पूर्वजों को दे सकें।
शास्त्रों में कौवे को अकाल मृत्यु का प्रतीक माना गया है। इसी कारण उन्हें खाना खिलाकर पितरों को खुश किया जाता है।
कौवे को भगवान शिव का वाहन भी माना जाता है। भगवान शंकर को खुश करने के लिए भी उन्हें भोजन दिया जाता है।
हिंदू धर्म के अनुसार, कौवे को शुभ पक्षी माना जाता है। आप उन्हें पितृपक्ष में भोजन करवा कर आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं।