भगवान शिव को काशी बहुत प्रिय है। इसलिए यह जगह उनके नाम से जाना जाता है। अक्सर लोग कहते हैं कि अगर उनकी मृत्यु भी हो तो काशी में हो जिससे उन्हें मोक्ष की प्राप्ति हो सकें। आइए जानते हैं कि बनारस को शिव की नगरी क्यों कहा जाता है-
काशी भगवान शिव के त्रिशूल पर टिकी है। कैलाश के बाद शिव का निवास स्थान काशी ही माना जाता है।
काशी के कण-कण में शिव वास करते हैं। यही जीवन का प्रारंभ और अंत भी होता है। हर इंसान जीवन में एक बार काशी के दर्शन करना चाहता है।
बनारस की गलियों में भोलेनाथ के मंदिर हैं। इसके साथ ही, जो लोग वहां रहते हैं, उन पर शिव जी की कृपा रहती है।
विश्वनाथ 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है, जो भगवान शिव के सबसे पवित्र निवास स्थानों में से एक है। काशी को ज्ञान और मोक्ष का केंद्र माना जाता है।
पूरी दुनिया को देखने के बाद भगवान शिव ने काशी को चुना और भगवान शिव और देवी पार्वती काशी में बस गए और इसलिए भगवान शिव को काशी बहुत पसंद है।
ऐसा कहा जाता है कि जीवन में एक बार बनारस आकर सारे शिव मंदिर के दर्शन करने से जीवन में चल रही परेशानियों से छुटकारा मिलता है। इससे मन को शांति भी मिलती है।
इन कारणों से बनारस को शिव की नगरी कहा जाता है। एस्ट्रो से जुड़ी ऐसी ही अन्य खबरों के लिए पढ़ते रहें NAIDUNIA.COM