हिंदू धर्म में शरद पूर्णिमा का विशेष महत्व है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन भगवान श्री कृष्ण ने राधा-रानी और गोपियों के साथ महारास किया था। इस दिन मां लक्ष्मी की कृपा भी प्राप्त होती है। इस दिन खासतौर पर खीर बनाई जाती है। आइए जानें ऐसा क्यों होता है-
ऐसा माना जाता है कि शरद पूर्णिमा के दिन चंद्रमा अपनी 16 कलाओं से परिपूर्ण होता है और इससे अमृत की बरसात होती है। इसलिए, शरद पूर्णिमा की रात को चंद्रमा की रोशनी में खीर बनाकर रखने की परंपरा है।
क्यों रखी जाती है खीर चांद से निकलने वाली किरणें इतनी शक्तिशाली मानी जाती हैं कि इनमें कई तरह के रोगों को नष्ट करने की क्षमता होती है। यही वजह है कि इस दिन चांद की रोशनी में खीर को रखना शुभ माना जाता है।
शरद पूर्णिमा को 'कौमुदी व्रत', 'कोजागरी पूर्णिमा' और 'रास पूर्णिमा' के नाम से भी जाना जाता है। इसी दिन श्रीकृष्ण ने महारास रचाया था।
शरद पूर्णिमा के दिन खीर खाने की परंपरा है और इस दिन खीर खाने से इंसान सेहतमंद होता है और त्वचा की चमक बढ़ती है।
शरद पूर्णिमा के दिन रात में मां लक्ष्मी का वास घर में होता है। जहां लोगों को साफ-सफाई और स्वच्छता रखनी चाहिए। इस दिन मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए जागरण करें।
शरद पूर्णिमा के दिन काले कपड़े न पहनें। इस दिन प्याज, लहसुन और मांस से बनी चीजों के खाने की मनाही होती है। साथ ही, घर में किसी से बहस करने से बचें।
इसलिए, शरद पूर्णिमा के दिन खीर बनाई जाती है । एस्ट्रो से जुड़ी ऐसी ही अन्य खबरों के लिए पढ़ते रहें NAIDUNIA.COM